नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट में हम जानेंगे कि डेड्रो क्या है? DRDO full information in hindi | डीआरडीओ के बारे में पूरी जानकारी पढ़ते रहिये

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार और आत्मनिर्भरता के प्रतीक के रूप में खड़ा है। अनुसंधान और विकास के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता के साथ, डीआरडीओ भारत की रक्षा क्षमताओं के भविष्य को आकार दे रहा है।

डीआरडीओ (DRDO) के बारे में संपूर्ण जानकारी

डीआरडीओ, यानी डिफेंस रिसर्च और डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन, भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण संगठन है जो रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में तकनीकी नवाचार और विकास का काम करता है। यह संगठन 1958 में स्थापित किया गया था और इसका मुख्य कार्यक्षेत्र भारतीय सुरक्षा और सैन्य तंत्र में नवाचारी तकनीक और उपकरणों का विकास करना है।

DRDO का पूरा नाम (DRDO full form)

DRDO logo

डीआरडीओ का पूरा नाम (DRDO full form) है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय सेना को आधुनिक और शक्तिशाली रक्षा सामग्री और प्रौद्योगिकी प्रदान करना है।

डीआरडीओ क्या है? (What is DRDO)

DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) एक भारतीय सरकारी संगठन है जो भारतीय सुरक्षा और रक्षा स्वायत्तता को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान और विकास कार्यों का संचालन करता है। इसका मुख्य मिशन है भारतीय सशस्त्र सेना को नई और प्रौद्योगिकी में नवाचार और सुरक्षा उपकरण प्रदान करना।

DRDO के कार्य और उद्देश्य (डीआरडीओ का पूरा नाम)

कार्य (Work of DRDO):

डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) भारतीय सरकार का एक महत्वपूर्ण संगठन है जो रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में अनुसंधान और विकास कार्य करता है। इसका प्रमुख कार्यक्षेत्र नई रक्षा तंत्र, युद्ध प्रौद्योगिकी, और असैन्य सुधार में अनुसंधान करना है। डीआरडीओ भारतीय सशस्त्र सेना को नई और उन्नत रक्षा और सुरक्षा तंत्रों का प्रदान करने के लिए काम करता है।

उद्देश्य (Objectives of DRDO):

  1. स्वायत्तता (Independence): डीआरडीओ का प्रमुख उद्देश्य भारतीय सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र में स्वायत्तता और आत्मनिर्भरता को प्रमोट करना है।
  2. नवाचार (Innovation): इसका मिशन है नवाचारी प्रौद्योगिकी और उपकरणों का विकास करके भारतीय सेना को नवीनतम और उन्नत सुरक्षा तंत्र प्रदान करना।
  3. रक्षा उपकरण (Defense Equipment): डीआरडीओ के उद्देश्य में भारतीय सशस्त्र सेना को उन्नत रक्षा और सुरक्षा उपकरणों का निर्माण करना भी शामिल है।
  4. सुरक्षा का सुधार (Enhancing Security): यह संगठन सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए नई तकनीकों और उपकरणों के विकास में लगा है, जिससे भारतीय सशस्त्र सेना की क्षमता में सुधार होता है।
  5. रक्षा अनुसंधान (Defense Research): इसका आवश्यक उद्देश्य है रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में अनुसंधान करके भारत को आगे बढ़ाना और उन्नत तकनीकों का विकास करना।

और अधिक जानकारी:

  • डीआरडीओ भारतीय सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्र में अग्रणी अनुसंधान संगठनों में से एक है और इसका महत्वपूर्ण योगदान है भारतीय सुरक्षा की मजबूती में।
  • डीआरडीओ के तहत कई अनुसंधान प्रयोगशालाएँ और अनुसंधान केंद्र हैं, जो नवाचारिक विकास के लिए काम करते हैं।

DRDO के चेयरपर्सन

DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) के चेयरपर्सन एक महत्वपूर्ण पद होता है जो संगठन के कार्यों और मिशनों के मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वे एक अग्रणी और प्रेरणास्पद व्यक्ति होते हैं, जो भारतीय रक्षा तकनीक के क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करते हैं।

कार्य और जिम्मेदारियां:

  • DRDO के चेयरपर्सन का प्रमुख कार्य रक्षा अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में मार्गदर्शन प्रदान करना होता है।
  • वे संगठन के अभियंताओं और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर नवाचारिक प्रोजेक्ट्स की अगुआई करते हैं।
  • DRDO के चेयरपर्सन की जिम्मेदारी में संगठन के विकास और सुरक्षा के मामलों में महत्वपूर्ण निर्णय लेना भी शामिल होता है।
  • वे सरकारी और अन्य संगठनों के साथ सहयोग और समर्थन भी प्रदान करते हैं, जिससे रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भारत को मजबूती मिलती है।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन का लक्ष्य

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) का प्रमुख उद्देश्य भारतीय सुरक्षा और सुरक्षा परिस्थितियों को मजबूत करने के लिए तकनीकी नवाचार और उपकरणों का विकास करना है। इसका मिशन है भारतीय सुरक्षा और सैन्य तंत्र को अद्वितीय और विश्वसनीय तकनीकी साधनों द्वारा सुरक्षित रखना और उन्नत करना।

प्रमुख कार्य क्षेत्र

डीआरडीओ विभिन्न क्षेत्रों में काम करता है जैसे कि मिसाइल प्रौद्योगिकी, नाभिकीय, डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स, सैन्य उपकरण, रेडार सिस्टम्स, और बायोटेक्नोलॉजी आदि। इसके माध्यम से नवाचारी तकनीकी समाधान विकसित किए जाते हैं जो सैन्य संघर्ष में भारत की रक्षा क्षमता को मजबूती प्रदान करते हैं।

गर्वग्रंथ

डीआरडीओ ने भारतीय रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक पूरा किया है, जिनमें प्रगतिशील मिसाइल प्रणाली, रेडार तंत्र, और अन्य विशेषज्ञता समावेश है। यह संगठन भारतीय रक्षा को एक शक्तिशाली और सुरक्षित नागरिक निर्मित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

DRDO की मुख्य संस्थाएँ (Institutions of DRDO)

डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) का संगठन विशाल है और यह कई महत्वपूर्ण संस्थाओं के साथ काम करता है, जो नवाचार और तकनीकी विकास के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। ये हैं डीआरडीओ की मुख्य संस्थाएँ:

डीआरडीओ लेबोरेटरी (DRDO Labs)

  • डीआरडीओ के अन्यत्र लैबोरेटरी भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं और विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी अनुसंधान और विकास के लिए काम करते हैं।

डीआरडीओ इंटेग्रेटेड तेस्ट रेंज (ITR)

  • ITR तकनीकी परीक्षण और प्रमाणन के क्षेत्र में काम करता है और विभिन्न विकासशील उपकरणों के परीक्षण के लिए अद्वितीय सुविधाएं प्रदान करता है।

डीआरडीओ वेपन्स एंड सिस्टम्स एस्टेब्लिशमेंट (DARE)

  • DARE संगठन के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के सैन्य उपकरणों और सिस्टमों के विकास के लिए तकनीकी अनुसंधान का काम करता है।

डीआरडीओ मिसाइल कॉम्प्लेक्स (DMC)

  • DMC मिसाइल तकनीकी और नवाचार के क्षेत्र में काम करता है और भारतीय सुरक्षा के लिए मिसाइल सिस्टमों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

डीआरडीओ एडवांस्ड नाभिकीय लेबोरेटरी (ARDE)

  • ARDE नाभिकीय और हथियार सिस्टमों के तकनीकी अनुसंधान में विशेषज्ञता रखता है और उनके विकास में योगदान करता है।

डीआरडीओ इलेक्ट्रॉनिक्स और साइबर सिस्टम्स (DECS)

  • DECS संगठन इलेक्ट्रॉनिक्स और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में तकनीकी अनुसंधान करता है और सैन्य सिस्टमों को सुरक्षित रखने के लिए नवाचार देता है।

ये संस्थाएँ डीआरडीओ के तकनीकी योगदान का एक प्रतीक हैं और भारतीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।

DRDO के प्रोजेक्ट्स

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने भारतीय सुरक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स कार्यान्वित किए हैं, जिनमें निम्नलिखित है:

प्रगतिशील मिसाइल प्रोजेक्ट्स

DRDO ने प्रगतिशील मिसाइल प्रणाली के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसमें अग्नि, प्रिथ्वी, नाग, अकाश, और त्रिशूल जैसे मिसाइल प्रणालियाँ शामिल हैं।

रेडार सिस्टम्स

DRDO ने उन्नत रेडार सिस्टमों के विकास में योगदान किया है जो सैन्य और रक्षा क्षेत्रों में उपयोग होते हैं।

सैन्य उपकरण और एक्सप्लोसिव्स

DRDO ने विभिन्न प्रकार के सैन्य उपकरणों के विकास किए हैं, जैसे कि रेडार जैमर, नाभिकीय उपकरण, और विभिन्न प्रकार के एक्सप्लोसिव्स।

बायोटेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट्स

DRDO ने बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी कई प्रोजेक्ट्स कार्यान्वित किए हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार के बायोलॉजिकल और केमिकल आयुधों के विकास शामिल हैं।

सैन्य सिस्टम्स और कम्युनिकेशन

DRDO ने सैन्य सिस्टम्स और कम्युनिकेशन के क्षेत्र में भी तकनीकी उपयोगकर्ता उपकरण और सिस्टमों के विकास किए हैं, जो सैन्य आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।

ये प्रोजेक्ट्स DRDO के अद्वितीय तकनीकी योगदान का प्रतीक हैं और भारतीय सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

DRDO के मुख्य मुद्दे

DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) एक महत्वपूर्ण संगठन है जो भारतीय रक्षा शक्ति को मजबूती देने का कार्य करता है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों को नवाचारिक तकनीकी उपायों से लैस बनाना है। निम्नलिखित हैं DRDO के मुख्य मुद्दे:

तकनीकी सुधारणा

  • DRDO का प्रमुख कार्य तकनीकी अद्यतन और सुधारणा है। यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि भारतीय सशस्त्र बल नवाचारिक हो और अपने प्रतिद्वंद्वियों के साथ समर्पित रहे।

सुरक्षा परीक्षण

  • DRDO उत्पादों के सुरक्षा परीक्षण का भी जिम्मेदार है, जो उनके सुरक्षित और प्रभावी उपयोग की गारंटी देता है।

अनुसंधान और विकास

  • संगठन का अभिन्न हिस्सा रूप में, DRDO नई और उन्नत तकनीकों के विकास का काम करता है जो भारतीय रक्षा को और मजबूत बनाते हैं।

साझा सहयोग

  • DRDO विश्व भर में अन्य राष्ट्रों के संशोधन संगठनों के साथ साझा सहयोग करता है, जिससे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार हो सके।

स्वतंत्रता और सुरक्षा

  • DRDO भारतीय स्वतंत्रता और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और नवाचारिक तकनीकों का उपयोग करता है।

DRDO में जॉइन करने के तरीके


DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) में शामिल होने के तरीके को विवरणित करते हुए, यहां आपको विस्तृत जानकारी दी जा रही है:

GATE की परीक्षा से DRDO में शामिल होना:

  • GATE (ग्रेजुएट एप्टिट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग) एक महत्वपूर्ण प्रतियोगिता परीक्षा है जो इंजीनियरिंग क्षेत्र में प्रवेश के लिए आयोजित होती है। DRDO भी इस परीक्षा को मान्यता करता है और इसके माध्यम से इंजीनियरिंग पदों पर भर्ती करता है। आपको GATE की परीक्षा देनी होगी और इसके परिणामों के आधार पर DRDO के विभिन्न प्रभागों में अवसरों के लिए आवेदन कर सकते हैं।

CEPTAM के माध्यम से DRDO में शामिल होना:

  • CEPTAM (सेंट्रल प्रोसेसिंग टेक्निक्स एंड मैनेजमेंट) DRDO की अंतरिक्षीय कैरियर प्राधिकृति प्रोग्राम है जिसके माध्यम से विभिन्न पदों पर भर्ती की जाती है। इस प्रोग्राम के तहत आप विभिन्न रक्षा और अनुसंधान संगठनों में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी आप DRDO की आधिकारिक वेबसाइट पर पा सकते हैं।

SET के माध्यम से DRDO में शामिल होना:

  • SET (वैज्ञानिक एंड इंजीनियरिंग उपयोगकर्ता परीक्षण) DRDO की अन्य एक प्रमुख प्रतियोगिता परीक्षा है जिसके माध्यम से विभिन्न वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग पदों पर भर्ती की जाती है। इस परीक्षा के लिए आवेदन करने के बाद, आपको एक विशेष चयन प्रक्रिया के माध्यम से चयनित किया जाता है।

इन तीनों तरीकों से आप DRDO में शामिल हो सकते हैं, और अपने आवश्यकताओं और अधिकारों के आधार पर आवेदन कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए हमेशा DRDO की आधिकारिक वेबसाइट पर नवीनतम अपडेट्स और आवश्यक जानकारी की जाँच करें।

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डीआरडीओ के लिए योग्यता

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय का एक स्वायत्त संगठन है जो भारत की रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों और उपकरणों का विकास करता है। डीआरडीओ में विभिन्न पदों के लिए भर्ती की जाती है, जिनके लिए अलग-अलग योग्यताएं निर्धारित की जाती हैं।

सामान्य योग्यता

डीआरडीओ में भर्ती के लिए उम्मीदवारों को निम्नलिखित शैक्षणिक योग्यताएं होनी चाहिए:

  • भारत में किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से संबंधित विषय में स्नातक या समकक्ष डिग्री।
  • अंग्रेजी में दक्षता।

विशिष्ट योग्यता

विभिन्न पदों के लिए विशिष्ट योग्यताएं भी निर्धारित की जाती हैं, जो डीआरडीओ की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।

उदाहरण के लिए,

  • वैज्ञानिक/इंजीनियर के पद के लिए: संबंधित विषय में स्नातक या समकक्ष डिग्री के साथ न्यूनतम 60% अंक।
  • तकनीशियन के पद के लिए: संबंधित विषय में डिप्लोमा या समकक्ष डिग्री के साथ न्यूनतम 50% अंक।
  • अन्य पदों के लिए: संबंधित क्षेत्र में अनुभव या कौशल।

आयु सीमा

डीआरडीओ में भर्ती के लिए उम्मीदवारों की आयु 21 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

चयन प्रक्रिया

डीआरडीओ में भर्ती के लिए उम्मीदवारों का चयन निम्नलिखित चरणों में किया जाता है:

  • ऑनलाइन आवेदन: उम्मीदवार डीआरडीओ की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
  • लिखित परीक्षा: उम्मीदवारों को एक लिखित परीक्षा देनी होती है।
  • साक्षात्कार: लिखित परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है।
  • मेरिट सूची: साक्षात्कार के आधार पर उम्मीदवारों की मेरिट सूची तैयार की जाती है।

DRDO में जॉब प्रोफाइल्स

DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) में विभिन्न नौकरी प्रोफाइल्स होते हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं। यहां कुछ मुख्य DRDO नौकरी प्रोफाइल्स का उल्लेख किया गया है:

  1. अनुसंधान और विकास वैज्ञानिक: इन पेशेवरों का कार्य होता है नई तकनीकों और उपकरणों के विकास में और रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान करने में।
  2. इंजीनियरिंग: DRDO में इंजीनियरों की मांग होती है जो विभिन्न इंजीनियरिंग डिसिप्लिन में काम करते हैं, जैसे कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, और अन्य।
  3. साइंटिस्ट्स: डीआरडीओ में विभिन्न विज्ञानिक पदों के लिए आवेदन किया जा सकता है, जैसे कि फिजिक्सिस्ट, केमिस्ट, बायोलॉजिस्ट, और अन्य।
  4. प्रौद्योगिकी: DRDO में प्रौद्योगिकी स्पेशियलिस्ट्स का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है जो नई तकनीकों का विकास और अनुसंधान करते हैं।
  5. मैनेजमेंट और प्रशासन: DRDO के विभिन्न विभागों में मैनेजमेंट पेशेवरों की आवश्यकता होती है जो प्रबंधन, वित्त, मानव संसाधन, और प्रशासनिक कार्यों में काम करते हैं।
  6. लैब तकनीशियन: लैब तकनीशियन लैबोरेटरी में काम करते हैं और अनुसंधान कार्यों के लिए उपकरणों का उपयोग करते हैं।
  7. डिफेंस एनालिस्ट्स: डिफेंस एनालिस्ट्स सुरक्षा रणनीतियों और रक्षा कार्यों का विश्लेषण करते हैं और सुरक्षा के लिए रणनीतियों का अनुसंधान करते हैं।
  8. अधिकरण और सुरक्षा विशेषज्ञ: इन पेशेवरों का कार्य होता है सुरक्षा के नियमों और विधियों का पालन करना और सुरक्षा की जाँच करना।

ये केवल कुछ उदाहरण हैं, DRDO में और भी अनेक प्रोफाइल्स होते हैं। आप DRDO की आधिकारिक वेबसाइट और रोजगार समाचार पत्रिकाओं के माध्यम से नौकरी प्रोफाइल्स के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और आवेदन प्रक्रिया के बारे में जान सकते हैं।

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डीआरडीओ के कर्मचारियों के वेतन

डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) के कर्मचारियों के वेतन का निर्धारण कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि कर्मचारी का पद, उनका कार्य अनुभव, और उनकी योग्यता। सामान्य तौर पर, डीआरडीओ के कर्मचारियों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित वेतनमान के अनुसार वेतन दिया जाता है।

2023 में, डीआरडीओ के कर्मचारियों के वेतनमान निम्नानुसार है:

वैज्ञानिक/तकनीकी संवर्ग:

  • स्तर 1: ₹56,100 से ₹85,000
  • स्तर 2: ₹85,000 से ₹1,14,000
  • स्तर 3: ₹1,14,000 से ₹1,43,000
  • स्तर 4: ₹1,43,000 से ₹1,72,000
  • स्तर 5: ₹1,72,000 से ₹2,01,000
  • स्तर 6: ₹2,01,000 से ₹2,30,000
  • स्तर 7: ₹2,30,000 से ₹2,59,000
  • स्तर 8: ₹2,59,000 से ₹2,88,000
  • स्तर 9: ₹2,88,000 से ₹3,17,000
  • स्तर 10: ₹3,17,000 से ₹3,46,000

प्रशासनिक संवर्ग:

  • स्तर 1: ₹46,000 से ₹70,000
  • स्तर 2: ₹70,000 से ₹94,000
  • स्तर 3: ₹94,000 से ₹1,18,000
  • स्तर 4: ₹1,18,000 से ₹1,42,000
  • स्तर 5: ₹1,42,000 से ₹1,66,000
  • स्तर 6: ₹1,66,000 से ₹1,90,000
  • स्तर 7: ₹1,90,000 से ₹2,14,000
  • स्तर 8: ₹2,14,000 से ₹2,38,000
  • स्तर 9: ₹2,38,000 से ₹2,62,000
  • स्तर 10: ₹2,62,000 से ₹2,86,000

इन वेतनमानों के साथ, डीआरडीओ के कर्मचारियों को विभिन्न लाभ भी प्रदान किए जाते हैं, जैसे कि:

  • आवास भत्ता: डीआरडीओ के कर्मचारियों को उनके पद और स्थान के आधार पर आवास भत्ता दिया जाता है।
  • वाहन भत्ता: डीआरडीओ के कर्मचारियों को उनके पद और स्थान के आधार पर वाहन भत्ता दिया जाता है।
  • बच्चों की शिक्षा भत्ता: डीआरडीओ के कर्मचारियों को उनके बच्चों की शिक्षा के लिए भत्ता दिया जाता है।
  • चिकित्सा लाभ: डीआरडीओ के कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को चिकित्सा लाभ दिए जाते हैं।
  • पेंशन: डीआरडीओ के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन दी जाती है।

डीआरडीओ के वेतन और लाभ भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों और विनियमों के अनुसार दिए जाते हैं।

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डीआरडीओ से संबंधित अकसर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

डीआरडीओ का वेतन कितना है?

2023 में, वैज्ञानिक/तकनीकी कैडर के डीआरडीओ कर्मचारियों को उनके स्तर के आधार पर ₹ 56,100 से ₹ 3,46,000 मिलते हैं और वैज्ञानिक कैडर को ₹ 46,000 से ₹ 2,86,000 मिलते हैं। इसके अलावा कर्मचारियों को आवास कोचिंग, वाहन कोचिंग, बच्चों की शिक्षा कोचिंग और पेंशन भी मिलती है।

DRDO के मुख्य कार्यक्षेत्र क्या हैं?

DRDO का मुख्य कार्यक्षेत्र नई रक्षा तंत्र, युद्ध प्रौद्योगिकी, और असैन्य सुधार में अनुसंधान और विकास है।

DRDO की आधिकारिक वेबसाइट क्या है?

DRDO की आधिकारिक वेबसाइट www.drdo.gov.in है, जहां पर नौकरी के अपडेट्स और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध होती है।

DRDO में कैसे संपर्क करें?

आप DRDO से संपर्क करने के लिए उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए संपर्क जानकारी का उपयोग कर सकते हैं।

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