यह सप्ताह धार्मिक और ज्योतिषीय घटनाओं के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इसकी शुरुआत सर्व पितृ अमावस्या से होती है, जो पूर्वजों को याद करने और उनका सम्मान करने का दिन है।

इस दिन सूर्य ग्रहण भी लगेगा, जिससे यह एक दुर्लभ और शुभ अवसर बन जाएगा। अगले दिन, नवरात्रि शुरू होती है, जो नौ दिवसीय हिंदू त्योहार है जो देवी दुर्गा के नौ रूपों का जश्न मनाता है। यह दुनिया भर के हिंदुओं के लिए आध्यात्मिक भक्ति और उत्सव का समय है।

इन धार्मिक आयोजनों के अलावा इस सप्ताह ग्रह गोचर भी रहेंगे। शनि धनिष्ठा नक्षत्र में और सूर्य तुला राशि में गोचर करेगा। साथ ही प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने के लिए भी यह सप्ताह शुभ है। आइए नई दिल्ली, एनसीटी, भारत के लिए इस सप्ताह के महत्वपूर्ण पंचांग विवरण देखें।

प्रचलित ग्रह स्थिति के आधार पर दैनिक कार्यों को करने के लिए शुभ और अशुभ समय निर्धारित करने के लिए साप्ताहिक पंचांग प्राप्त करें।

इस सप्ताह शुभ समय है

वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि कोई भी कार्य शुभ समय में किया जाए तो उसके सफल होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। यदि हम लौकिक समयरेखा के अनुसार कार्य करते हैं तो शुभ समय हमें हमारे भाग्य के अनुसार सर्वोत्तम परिणाम प्रदान करता है। इसलिए किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करते समय शुभ समय का ध्यान रखना जरूरी है। इस सप्ताह विभिन्न कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:

  • विवाह मुहूर्त: इस सप्ताह कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है
  • गृह प्रवेश मुहूर्त: इस सप्ताह कोई शुभ समय उपलब्ध नहीं है
  • संपत्ति खरीद मुहूर्त: शुभ मुहूर्त इस सप्ताह 19 अक्टूबर को उपलब्ध है (09:04 अपराह्न से 06:25 पूर्वाह्न, 20 अक्टूबर)

वाहन क्रय मुहूर्त: इस सप्ताह कोई शुभ समय उपलब्ध नहीं है

इस सप्ताह आगामी ग्रह गोचर

वैदिक ज्योतिष में, ग्रह गोचर विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे जीवन में परिवर्तन और प्रगति की आशा करने का एक प्रमुख तरीका हैं। ग्रह दैनिक आधार पर चलते हैं और इस प्रक्रिया में कई नक्षत्रों और राशियों से होकर गुजरते हैं। यह घटनाओं के घटित होने की प्रकृति और विशेषताओं को समझने में मदद करता है। इस सप्ताह आगामी गोचर इस प्रकार हैं:

  • 13 अक्टूबर, शुक्रवार को शाम 4 बजकर 10 मिनट पर मंगल ग्रह स्वाति नक्षत्र में प्रवेश करेगा
  • रविवार, 15 अक्टूबर को प्रातः 4:14 बजे बुध चित्रा नक्षत्र में प्रवेश करेगा
  • शनि रविवार, 15 अक्टूबर को प्रातः 4:49 बजे धनिष्ठा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।
  • 17 अक्टूबर, मंगलवार को अपराह्न 3:39 बजे शुक्र पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश करेगा
  • बुधवार, 18 अक्टूबर को सुबह 1:42 बजे सूर्य तुला राशि में प्रवेश करेगा
  • बुध गुरुवार, 19 अक्टूबर को प्रातः 1:23 बजे तुला राशि में प्रवेश करेगा
  • इस सप्ताह आने वाले त्यौहार

सर्व पितृ अमावस्या (शनिवार, 14 अक्टूबर):

इसे महालया अमावस्या, पितृ अमावस्या या पितृ मोक्ष अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार पितरों या पितरों को समर्पित है। इस दिन, हिंदुओं का मानना है कि पूर्वज अपने वंशजों से प्रसाद प्राप्त करने के लिए पृथ्वी पर लौटते हैं। ये प्रसाद प्रार्थना, अनुष्ठान और भोजन के रूप में दिया जाता है।

सूर्य ग्रहण (शनिवार, 14 अक्टूबर):

14 अक्टूबर को वलयाकार सूर्य ग्रहण (सूर्य ग्रहण) लगेगा, जिसमें चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरेगा, जिससे “रिंग ऑफ फायर” प्रभाव पैदा होगा। यह संयुक्त राज्य अमेरिका, मैक्सिको और दक्षिण और मध्य अमेरिका के कई देशों में दिखाई देगा।

नवरात्रि की शुरुआत (रविवार, 15 अक्टूबर):

नवरात्रि के दौरान, हिंदू देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। नवरात्रि का प्रत्येक दिन दुर्गा के एक अलग रूप को समर्पित है, और भक्त हर दिन अलग-अलग अनुष्ठान और व्रत रखते हैं। नवरात्रि आध्यात्मिक नवीनीकरण और उत्सव का समय है। यह हिंदुओं के लिए एक साथ आने और देवी दुर्गा की पूजा करने का भी समय है।
विनायक चतुर्थी (बुधवार, 18 अक्टूबर): यह एक हिंदू त्योहार है जो भगवान गणेश के जन्म का जश्न मनाता है। इस दिन, हिंदू सुबह जल्दी उठते हैं और गणेश पूजा करने के लिए मंदिर जाने से पहले स्नान करते हैं। वे घर पर भी भगवान गणेश की पूजा करते हैं और उन्हें उपहार देते हैं। इस दिन कुछ लोग व्रत भी रखते हैं।

इस सप्ताह अशुभ राहु कालम्

वैदिक ज्योतिष के अनुसार राहु एक अशुभ ग्रह है। ग्रहों के गोचर के दौरान राहु के प्रभाव के समय कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। इस अवधि के दौरान, राहु अपने अशुभ स्वभाव के कारण शुभ ग्रहों को प्रसन्न करने के लिए पूजा, हवन या यज्ञ करने में बाधा डालता है। कोई भी नया कार्य शुरू करने से पहले राहु काल का विचार करना जरूरी है। ऐसा करने से वांछित परिणाम मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

इस सप्ताह के लिए राहु कालम का समय निम्नलिखित है:

  • 13 अक्टूबर: सुबह 10:40 से दोपहर 12:07 बजे तक
  • 14 अक्टूबर: सुबह 09:14 बजे से सुबह 10:40 बजे तक
  • 15 अक्टूबर: शाम 04:26 बजे से शाम 05:52 बजे तक
  • 16 अक्टूबर: सुबह 07:48 बजे से सुबह 09:14 बजे तक
  • 17 अक्टूबर: दोपहर 02:58 बजे से शाम 04:24 बजे तक
  • 18 अक्टूबर: दोपहर 12:06 बजे से दोपहर 01:32 बजे तक
  • 19 अक्टूबर: दोपहर 01:31 बजे से दोपहर 02:57 बजे तक

पंचांग एक कैलेंडर है जिसका उपयोग वैदिक ज्योतिष में दिन के शुभ और अशुभ समय का निर्धारण करने के लिए किया जाता है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *